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लोग तो कुछ भी कहा करते हैं / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
लोग तो कुछ भी कहा करते हैं
आप तो दिल मे बसा करते हैं
जिस को कोई समझ नहीं पाये
इस अदा से वो वफ़ा करते हैं
वो कभी भी न दिखायी देते
जिनसे मिलने की दुआ करते हैं
चीर कर देख लिया है दिल को
जख़्म अब खुद ही सिया करते हैं
वो निगाहों से दूर हैं लेकिन
हर घड़ी दिल मे रहा करते हैं
एक उम्मीद वस्ल की लेकर
ग़म जुदाई का सहा करते हैं
ये शबे हिज्र गुज़र जायेगी
सोच के ये ही जिया करते हैं