लोग तो कुछ भी कहा करते हैं
आप तो दिल मे बसा करते हैं
जिस को कोई समझ नहीं पाये
इस अदा से वो वफ़ा करते हैं
वो कभी भी न दिखायी देते
जिनसे मिलने की दुआ करते हैं
चीर कर देख लिया है दिल को
जख़्म अब खुद ही सिया करते हैं
वो निगाहों से दूर हैं लेकिन
हर घड़ी दिल मे रहा करते हैं
एक उम्मीद वस्ल की लेकर
ग़म जुदाई का सहा करते हैं
ये शबे हिज्र गुज़र जायेगी
सोच के ये ही जिया करते हैं