भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
लोग 1 / गिरिजा अरोड़ा
Kavita Kosh से
अपनी चिंगारी पर डाल दो पानी समय रहते
वर्ना आग को अच्छी हवा देते हैं लोग
ढूंढता है पहले बाँटने से सगा अपना
रेवड़ी अंधों के हाथ थमा देते हैं लोग
मुर्गे की जान की कीमत क्या खबर किसको
यहाँ सिर्फ स्वादों का पता देते हैं लोग
समझते खुद को हैं शेर मगर
जब तब गधे को बाप बना लेते हैं लोग