लोजेंस कहानी / सुलोचना वर्मा / महमूद नोमान
रिक्शा के हुड को उठाकर
प्रेम और कुहासा गले मिल
पार कर गए ईटों से बना रास्ता।
है एनर्जी सेविंग्स बल्ब के शहर में
कालाचान की दरग़ाह की रियासत में
जज़्बा से मज़लूम मोम की ट्रे और
निद्राहीन जंग लगा दीपक।
चूस रही है पलाश के भोर में लाश की मक्खी
चालीस क़दम फाँदकर दूध की कटोरी
माथे ऊपर कुरआन को उठाकर लिख रही है
प्रेम का हलफ़नामा, शरीफ़ अली की बेटी -- पॉपी
श्री इच्छामती के बरामदे में, इन्द्र्पुल के पूरब में।
महमूद नोमान की कविता : ’লজেন্স কাহিনী’ का अनुवाद
मूल बांग्ला से अनुवाद :सुलोचना वर्मा
लीजिए, अब यही कविता मूल भाषा में पढ़िए
লজেন্স কাহিনী
রিকশার হুড তুলে ভালবাসা কুয়াশায় গলাগলি
করে ইটের রাস্তা পেরিয়ে গেল।এনার্জি সেভিংস
বাল্বের শহরে-কালাচাঁনের দরগা ভিটেয় জজবা
হালে মজলুম মোমের ট্রে-নিদ্রাহীন মরিচে বাতি।
পলাশের ভোরে লাশের মাছি চল্লিশ কদম ডিঙ্গে
দুধের বাটি শুষছে।শরীফ আলীর তনয়া - পপি
কুরআন মাথায় তুলে প্রেমের হলফনামা লিখছে-
শ্রী ইছামতির দাওয়ায়-ইন্দ্রপুলের পুবে।