हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
लोभ मोह उड़ै दोनूं ए कोन्यां धर्म तुलै सै हमेस
चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस
लोहा पीतल उड़ै दोनूं ए कोन्यां सोना तुलै सै हमेस
चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस
दूध दही का उड़ै घाटा ए कोन्यां माक्खन तुलै सै हमेस
चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस