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लोरी / रामसेवक विकल
Kavita Kosh से
सूतऽ बाबू सूतऽ माई का कोरा सूतऽ,
बाबू के कोरा सूतऽ।
तोहके लाल चिरइया देइबि,
माई के कोरा सूतऽ।।
माई के अँखियन के पुतरी,
बाबू के दुलरुआ,
भाई-बहिन आल्हर जियरा,
सभ कर नेह तूहीं पावेल, माई का कोरा सूतऽ।
बाबू के कोरा सूतऽ।।
पुतरी सुघर सोनहुला देइबि,
खेलबऽ आ सुख पइबऽ,
हाथी, घोड़ा, गाड़ी देइबि,
जहवाँ चहबऽ जइबऽ।
आँखि मूँदि के सूतऽ बाबू, माई का कोरा सूतऽ।
बाबू के कोरा सूतऽ।।
रामचन्द्र के धेनुही देइबि,
श्रीकृष्ण के वंशी,
सतरंगी माला पहिराइबि,
देखि-देखि सब हँसी।
हीरा-मोती तूही हउवऽ, राजा बेटा सूतऽ।
माई का कोरा सूतऽ।
बाबू के कोरा सूतऽ।।