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लौकिक भोग काम है / हनुमानप्रसाद पोद्दार
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लौकिक भोग-काम है-छोटे-बड़े सभी पापों का मूल।
प्रेम-कामना शुद्ध करो, कर भोग-कामना को निर्मूल॥