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लौट गए पिता / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल

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गिरवी रखे
खेत
और घर के प्रति
मोह से भरे
जुलजुल पिता
जब आये थे शहर
उनकी आँखों में
दिपदिपा रहे थे
सपने
आज लौट गये हैं
आँखों में
सपनों की राख लिए।