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वक़्त भी कमाल है / सत्यम भारती
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वक़्त भी कमाल है
मकड़ियों का जाल है
मर रहीं हैं ख़्वाहिशें
हिज्र बेमिसाल है
दुश्मनी जवां हुई,
दोस्तों की चाल है
उत्तरों की खोज में
सामने सवाल है
ज़िन्दगी बवाल है
फिर भी मन निहाल है