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वक़्त से जब बड़ा नहीं होगा / पंकज कर्ण
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वक़्त से जब बड़ा नहीं होगा
सामने तू खड़ा नहीं होगा
कौन कहता है तेरे गहने में
दर्द मेरा जड़ा नहीं होगा
मेरे हिस्से में जो भी आया है
वो ग़लत आँकड़ा नहीं होगा
जो ज़मी पर अभी गिरा पत्ता
आंधियों से लड़ा नहीं होगा
हुक़्म आया है जो हुक़ूमत से
कौन कहता कड़ा नहीं होगा
दिल तेरा दिल में है अभी 'पंकज'
रास्ते में पड़ा नहीं होगा