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वजह बिन फ़ासला होगा / रंजना वर्मा

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वजह बिन फ़ासला होगा
तो' यों किसका भला होगा

भरेंगे घाव सब तन के
नहीं यदि दिल जला होगा

ठहर सुस्ता रहा है जो
डगर लम्बी चला होगा

समझ लेगा सभी का दुख
किसी से जो मिला होगा

दही जो फूँक कर पीता
कभी तो मुँह जला होगा

न आँसू आँख में होंगे
न कोई गम पला होगा

न मिट पायी अगर हिंसा
धरा पर जलजला होगा