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वरदान अहां स कोना मांगु आशीषक आश किया नै करु / मैथिली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

वरदान अहां स कोना मांगु आशीषक आश किया नै करु
कतबो यदि पुत्र कपुत हुये पर मातु कुमातु कतहु ना सुने
जौ मातु कुमातु हुये त कहु फ़ेर ममता नाम किया नै धरु
देखि बाट बहुत भुतिआए गेलहु पथ बीच भ्रमर पथ भ्रष्ट भेलऊ
करु मुक्त शारदे सब भय स हे आदि शक्ती कल्याण करु


यह गीत श्रीमती रीता मिश्र की डायरी से