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वरना / अजित कुमार
Kavita Kosh से
बुद बुद बुद-
अपने क़िले बनाओ ख़ुद ।
बुद बुद बुद-
आहट हो, छिप जाओ ख़ुद ।
बुद बुद बुद-
जो पाओ वो खाओ ख़ुद ।
बुद बुद बुद-
वरना खाए जाओ ख़ुद ।