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वर्षा / महेन्द्र भटनागर

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सर-सर करती चले हवा
पानी बरसे झम-झम-झम !
.
आगे-आगे
गरमी भागे

हँस-हँस गाने गाएँ हम !
सर-सर करती चले हवा
पानी बरसे झम-झम-झम
.
मेंढ़क बोलें
पंछी डोलें

बादल गरजें; जैसे बम !
सर-सर करती चले हवा
पानी बरसे झम-झम-झम !
.
नाव चलाएँ
ख़ूब नहाएँ

आओ कूदें धम्मक - धम !
सर-सर करती चले हवा
पानी बरसे झम-झम-झम !