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वसंत / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
तुम्हारी
एक
मुस्कराहट
से
मैं जी लेता हूँ
कई कई सदियां एक साथ
और
मेरे भीतर
उतर आता है
वसंत
अपनी नई सौगात के साथ