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वहशतें वीरानियों से दर-ब-दर होती रहीं / रवि सिन्हा

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वहशतें<ref>पागलपन (madness)</ref> वीरानियों से दर-ब-दर होती रहीं 
क़ैस<ref>मजनूँ का नाम (Majnuu.n’s name)</ref> सारे कामराँ<ref>सम्पन्न (prosperous)</ref> लैला शहर होती रहीं 

उलझनों से बुन लिए थे ज़िन्दगी ने घोंसले 
तीर सी सीधी दलीलें पुर-ख़तर<ref>खतरनाक (dangerous)</ref> होती रहीं 

हम वही थे बस हमारे हो गए साये तवील<ref>लम्बा (long)</ref> 
औ तमन्नाएँ हमारी मुख़्तसर होती रहीं 

कुछ तो हासिल भी रहा, सँवरे भी कुछ, पहुँचे कहीं
बस के सब नाकामियाँ ही मुश्तहर<ref>प्रचारित-प्रसारित (advertised)</ref> होती रहीं 

मारना भी था अना को पालना भी था इसे 
कोशिशें दोनों तरह की उम्र भर होती रहीं 

दिन से अपना सामना औज़ार से हथियार से 
रात से चुपचाप बातें रात भर होती रहीं

रुक गए थे हम यहाँ कारे-जहाँ<ref>दुनिया के काम-काज (worldly tasks)</ref> के वास्ते 
क्यूँ सभी बहसें ख़ुदा के नाम पर होती रहीं 

जौर-बा-तेग़ो-ज़िरह<ref>तलवार और ढाल से सज्जित अत्याचार (oppression and violence equipped with sword and shield)</ref> कान्धे पे था जम्हूर के
सामने फ़ौजें अवामी बे-सिपर<ref>बिना हथियार के (unarmed)</ref> होती रहीं  
 
बहुत मुश्किल है यहाँ तहज़ीब का जुग़राफ़िया<ref>भूगोल (geography, terrain)</ref> 
बे-ख़तर मौजें इधर आकर भँवर होती रहीं 

कौन होता है फ़िदा पानी में अपने अक्स पर 
रूह की परतें दुकाने-शीशागर<ref>आइना बनाने वाला कारीगर (glass-maker)</ref> होती रहीं 

ये ख़िरद<ref>बुद्धि (intelligence, reason)</ref> थी या तसव्वुर<ref>कल्पना ( imagination)</ref> खुल गई थी काइनात<ref>सृष्टि (Universe)</ref> 
और सारी कहकशाएँ<ref>आकाशगंगाएँ (galaxies)</ref> रहगुज़र<ref>रास्ते (road)</ref> होती रहीं  

शब्दार्थ
<references/>