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वहाँ अलका में पहनने के लिए रंगीन वस्‍त्र / कालिदास

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वासश्चित्रं मधु नयनयोर्विभ्रमादेशदक्षं
पुष्‍पोद्भेदं सह किसलयैर्भूषणानां विकल्‍पान्।
लाक्षरागं चरणकमलन्‍यासयोग्‍यं च यस्‍या-
मेक: सूते सकलमबलामण्‍डनं कल्‍पवृक्ष:।।

वहाँ अलका में पहनने के लिए रंगीन वस्‍त्र,
नयनों में चंचलता लाने के लिए चटक मधु,
शरीर सजाने के लिए पुष्‍प-किसलय और
भाँति-भाँति के गहने, चरणकमल रँगने के
लिए महावर - यह सब स्त्रियों की श्रृंगार-
सामग्री अकेला कल्‍पवृक्ष ही उत्‍पन्‍न कर
देता है।