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वह गया देश का प्रेम मन में जगा / रंजना वर्मा
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वह गया देश का प्रेम मन में जगा।
पूछता मन चला क्यों जहाँ से गया॥
लक्ष्य था मानता सत्य आदर्श को
झूठ से वह रहा ज़िन्दगी भर डरा॥
है समय तो भुलाता किसी को नही
नाम इतिहास में वीर का लिख दिया॥
जन्म जिसको मिला मृत्यु उसकी अटल
पर अटल तो सदा मौत से था लड़ा॥
आज उसको नमन कर रहा देश है
जो सदा देश हित ही जिया औ मरा॥