भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
वह छोटी-सी लड़की-2 / अमृता भारती
Kavita Kosh से
एक छोटी-सी बालिका ने
धरती और आसमान से बड़े
आदमी के द्वार पर
दस्तक दी --
एक बौना
दरार से झाँक कर
तहख़ाने में चला गया
अब धरती के नीचे ही
आदमी के घर होंगे
क़ब्रिस्तानों में
बड़ी होती चली जाएगी
वह छोटी-सी लड़की ।