(पिंचुक पिन्ना के लिए)
वह नींद में है।
जब तक वह नींद में है
तब तक शोरगुल
चुप्पी ओढ़े सो रहा हैे
और मस्ती
थमी हुई गाड़ियों के साथ
आराम फ़रमा रही है।
जब तक वह नींद में
भागमभाग
स्टैण्ड पर खड़ी साइकिल की तरह
सुस्ता रही है
और सारे हठ
सन्यासी जैसी आँखें मूंदे
इच्छाओं के पार चले गए हैं।
जब तक वह नींद में है
शांति रानी बनी बैठी है
लेकिन हर पल उसे अपने राज पर
एक खतरा-सा महसूस होता है
और बंद पलकों पर टिका
उसका सिंहासन डोलता रहता है
डोलता रहता है...।