वानिरा गिरि

| जन्म | 11 अप्रैल 1946 | 
|---|---|
| निधन | 23 मई 2021 | 
| उपनाम | वानिरा गिरि | 
| जन्म स्थान | नयाँ बजार, खरसाङ, दार्जिलिङ | 
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
|  १) कारागार - उपन्यास -२) निर्बन्ध -उपन्यास -३) जीवन थय् मरु - कविता संग्रह, ४) एउटा जिउँदो जङ्गबहादुर -५) मेरो आविष्कार - आत्मकथा - वि. स. २०४१, ६) फ्रम द अदर इन्ड
 लेखक: वानिरा गिरि  | |
| विविध | |
| १) इ. १९६४ मा ने.रा. पं प्र. द्धारा आयोजित कविता महोत्सवमा - दोस्रा, २) इ. १९६६ मा रत्नश्री स्वर्ण पदक, - ३) गो.द.बा. चौथा, ४) वि.सं. २०४८ को लोकप्रिया देवी पुरस्कार | |
| जीवन परिचय | |
| वानिरा गिरि / परिचय | |
मौलिक कृति
- जीवन थाय् मरु / वानिरा गिरि (कवितासङ्ग्रह) - २०३४
 - शब्दातीत शान्तनु / वानिरा गिरि (कवितासङ्ग्रह) - २०५६
 - काठमाडौँ काठमाडौँ / वानिरा गिरि (कवितासङ्ग्रह)
 - एउटा जिउँदो जङ्गबहादुर / वानिरा गिरि (कवितासङ्ग्रह)
 - कारागार / वानिरा गिरि (उपन्यास) - २०३५
 - निर्बन्ध / वानिरा गिरि (उपन्यास) - २०४४
 - मेरो आविष्कार / वानिरा गिरि (आत्मकथा) - २०४१
 - रोकिनेले आकार दिन सक्दैन / वानिरा गिरि ( यात्रा संस्मरण)
 - जङ्गल जङ्गल / वानिरा गिरि (कवितासङ्ग्रह)
 - पर्वतको अर्को नाम पार्वती / वानिरा गिरि (निबन्धसङ्ग्रह)
 - फ्रम द अदर इन्ड / वानिरा गिरि
 
कविता
- चोट / वानिरा गिरि
 - तिमीले छोयौ, चोखिएँ / वानिरा गिरि
 - म एउटा च्यातिएको पोस्टर / वानिरा गिरि
 - मेलाम्ची / वानिरा गिरि
 - सखा ! जून र घाम पनि हौ तिमी / वानिरा गिरि