भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वार्ता:दिल में ना हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती / निदा फ़ाज़ली