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वाशबेसिन / सरोज कुमार
Kavita Kosh से
अखबार की खबरों से
डरते हैं महारथी
और डरती हैं खबरें
विज्ञापन से!
उस दिन सारा अखबार
ले आउट हो चुका था
प्लेटें छपने को
जाने भर को थी,
कि आ गया
एक बड़ा- सा विज्ञापन !
विज्ञापन क्या आ गया
सारी तत्परता टें बोल गई!
ढीला हो गया
छपने के लिए
कस चुका अखबार!
मालिक चहक उठा
मैनेजर महक उठा,
विज्ञापन क्या आया,
मानों तूफान ही आ गया!
राष्ट्रपति का सन्देश
उखाड़ दिया गया,
आंतकियों का हमला
फाड़ दिया गया,
बाढ़ की कथा-व्यथा
छोटी हो गई,
हर खबर
पाजामे से लंगोटी हो गई!
उसके बाद क्या हुआ यह,
कि देखते ही देखते
एक अधनंगी औरत ने
रंगीन अदाओं के साथ आ कर
दंत मंजन करते हुए,
सारे अखबार को
वाशबेसिन में बदल दिया!