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वास्तव में / केदारनाथ अग्रवाल
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पंचवर्षी योजना की रीढ़ ऋण की शृंखला है,
पेट भारतवर्ष का है और चाकू डालरी है।
संधियाँ व्यापार की अपमान की कटु ग्रंथियाँ हैं
हाथ युग के सारथी हैं, भाग्य-रेखा चाकरी है॥
रचनाकाल: २६-०४-१९५४