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वाह री अफसरी / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

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बड़ा अफसर
अफसरी झाड़ता है
सेवानिवृत्ति के बाद भी
मेरा ऐसा कमरा था
इतने मुलाजिम थे
दो ए.सी. थे
फ्लानां था
झुकता था
सलाम बजाता था
परिस्थिति बदलने पर
कोई नहीं झुकता
खुद ही पड़ेगा झुकना
भरना होगा बिल
और भी
निभाने होंगे
सरोकार सभी
यदि जीना है तो
ना काम आएगी अफसरी