भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वा / मदन डुकलाण

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जंदरी सी रिटड़ी रैंद
नाज जन पिसेणी रैंद |
 
 
उर्ख्यलि माँ कुटेणी रैंद
बूखू जन छिटेणी रैंद |
 
 
सिल्वट्टा मा पिसेणी रैंद
मूला जन थिछेणी रैंद |
 
 
पुंगड्यून माँ खपेणी रैंद
 माटा माँ रलेणी रैंद |
 
 
हवा जन चलणी रैंद
रुआं जन उडणी रैंद |
 
 
बणु माँ कटेणी रैंद
लखड़ू जन लछेणी रैंद |
 
पाणी सि ब्वगणी रैंद
भाप जन भपेणी रैंद |
 
द्यू जन जगणी रैंद
अन्धयारा तै स्वरणी रैंद |