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विकल वामा / केदारनाथ अग्रवाल

तरुण मरकत-मुदित तन से
गए गहने उतर तरु के
कनक वन की सुरति-श्यामा
हुई म्लाना विकल वामा

रचनाकाल: १४-०३-१९६५