भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
विकास / हूबनाथ पांडेय
Kavita Kosh से
पत्तल और दोने
पर्यावरण को
कर रहे थे बरबाद
इसलिए
चमचमाती
पीतल की थाली में
परोसे गए
मुफ़्त इंटरनेट डेटा
और सिम कार्ड
भूखे लोग
अब कर सकते हैं
गुणगान
पीतल की थाली का
बिना किसी व्यवधान