विख्यात होना होता नहीं सुन्दर / बरीस पास्तेरनाक
विख्यात होना होता नहीं सुंदर
यह वह चीज नहीं जो उठाती हो ऊपर,
जरूरत नहीं अभिलेखागार स्थापित करने की
सिर खपाने की पाण्डुलिपियों पर
सृजन का उद्देश्य है आत्म विसर्जन
न कि सनसनी या सफलता।
शर्मनाक है होना बिना अर्थवत्ता के
बन जाता हर आदमी के लिए एक नीति कथा।
हमें जीना चाहिए पाखण्ड मुक्त
इस तरह कि सुन सकें
भविष्य की आहट
और आकर्षित कर सकें संसार के प्रेम को।
कागज पर नहीं,
नियतियों के बीच छोड़नी चाहिए खाली जगह
पूरे जीवन के अध्याय और स्थान
निर्धारित करते हुए हाशियों पर।
खो जाना चाहिए कहीं ख्यातिहीनता में
छिपा देने चाहिए उसमें अपने सब पदचिह्न
छिप जाती है जिस तरह
जगहें अंधकार में।
दूसरे लोग चलेंगे
एक-एक इंच तुम्हारी राह पर।
पर अलग कर के मत देखो
अपनी जीत को अपनी हार से।
तनिक भी हटना नहीं चाहिए पीछे
एक भी इंच अपने आप से,
बने रहना चाहिए जीवन्त, केवल जीवन्त,
अंतिक क्षण तक।