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विगत / संतोष मायामोहन
Kavita Kosh से
वृक्ष पर बैठी हुई
एक चिड़िया
अपनी लाल-लाल चोंच खोले
झूली
वृक्ष की इस डाल
थोड़ी देर ।
अनुवाद : मोहन आलोक