भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
विचारधारा / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
विचारधारा की तरह
कहीं-कहीं बची है चोटियों पर बर्फ़
पर ठंड की तानाशाही
विचारधारा के बिना भी कायम है।