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विचार-2 / मथुरा नाथ सिंह ‘रानीपुरी’
Kavita Kosh से
13.
होतै इंसान
बेची के जे खैतै ई
हिन्दुस्तान।
13.
कत्तेॅ रे शान
तिरंगा बेचिये केॅ
करै गुमान।
14.
करोॅ नी याद
सुनत्हौं भला यहाँ
के फरियाद।
15.
कैन्होॅ ई डर
मौतोॅ के साथें छेकै
एक सफर।
16.
वोकरे चाह
जिन्दगी भर जौनें
देतै सलाह।
17.
छेकै विज्ञान
बुढ़वौ केॅ करै छै
फिरू जवान।
18.
पत्रकारिता
विचार के छेकै ई
दूरदर्शिता।
19.
बुद्ध दर्शन
मानव दुख के ई
करै चिंतन।
20.
छेकै दलाल
जेकरा नै कैन्होॅ
आवै मलाल।
21.
छेकै ई नीति
नफरत छोड़ी केॅ
करोॅ नी प्रीति।
22.
छेकै जे फूल
सुगंध लुटावै मेॅ
करै नै भूल।
23.
केकरोॅ जीत
जे हरेक प्राणी सें
करै छै प्रीत।
24.
छेकै ई सौदा
जनहित मंे जेत्तेॅ
लगावोॅ पौधा।