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विचार-5 / मथुरा नाथ सिंह ‘रानीपुरी’
Kavita Kosh से
50.
ई प्रदूषण
लोभी मन सदा रे
करै शोषण।
51.
केकरोॅ गान
जे रोजे करावै छै
सु जलपान।
52.
एक्के जनम
एक्के रंग मरण
कैन्होॅ
वरण।
53.
खुशी रोॅ पर्व
मनावै छै देखोॅ नी
ई नेता वर्ग।
54.
ई भ्रष्टाचार
शिष्ट लोगोॅ के छेकै
यहेॅ आचार।
55.
पैसा के मीत
चार दिन चाँदनी
फिरू ऊ चीत।
56.
ऐन्होॅ ई देश
सबटा दुख दूर
करै महेश।
57.
होतै की दुख
तिरंगा खाय हम्में
मिटैबै भूख।
58.
चाल बेढंगा
पुड़िया में बेचै छै
रोजे तिरंगा।
59.
ई कैन्होॅ देश!
पुड़िया में बेचै छै
झंडा के वेश।
60.
देश महान्
पुड़िया तिरंगा केॅ
फाड़ै जवान।
61.
गाँधी दर्शन
गाँधी पाखाना के ही
करै चिंतन।