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विडम्बना / सरोज परमार
Kavita Kosh से
विडम्बना
शहर में चर्चा थी
इन चुनावों में वह जीतेगा
शहर जश्न मनाएगा
वह जीता तो
पर हार गई जनता
शहर डूब रहा है हताशा में
धीरे! धीरे ! धीरे!