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विदा / बद्रीनारायण
Kavita Kosh से
पहचान में नहीं आ रहा था कि
दोनों में से कौन किसकों विदा करने आया है
दोनों अत्यंत आकर्षक थे
अत्यंत आधुनिक
पर एक बात प्राचीन थी
कि दोनों रो रहे थे