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विदेश / मुंशी रहमान खान
Kavita Kosh से
रहियो तुम जिस देश में पलियो नृप की नीति।
चलियो अपने धर्म पर सब से रखियो प्रीति।।
सब से रखियो प्रीति बचन मीठे उच्चरियो।
द्यूत सुरा छल कपट तज दुर्जन संग न करियो।
कटैं कोटि बाधा अमित तौ सुख से तुम रहियो।।