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विद्या धन / इन्द्रदेव भोला

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विद्या है सच्चा धन ।
यही कहते हैं गुणी जन ।।

विद्या पढ़ बनते विद्वान ।
विद्या से ही बनते महान।।
विद्वान जग में पाता मान ।
मूर्ख का सदा होता अपमान ।।

पढ़ें विद्या लगाकर मन ।
विद्वान बनने का करें प्रण ।।
जिसको है विद्या में लगन ।
हाथ उसी के आत विद्या-धन ।।

विद्या से न बड़ा कोई धन ।
चोर न चुरा सकता विद्या-धन ।।
पानी म गला सकता विद्या –धन ।
जितना बांटते उतना बढ़ता विद्या-धन ।।

विद्या है सच्चा धन ।
यही कहते हैं गुणी जन ।।