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विनती भोलेनाथ सें / कस्तूरी झा 'कोकिल'

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भवम् भवानी सहितम् नमामि
पंचतत्व में जहाँ भी छथिन,
हुनकेॅ हमरेॅ साथ रहै।
कदम मिलाय केॅ चलियै दोनों,
हरदम हाथोॅ में हाथ रहै।
ताँय धरती पर प्रभु जी राखवै,
अमर काव्य रचना करियै।
परोपकार में जीवन लागै
भजन में पवित्र रसना करियै।

सेवक-कोकिल
1616 अप्रैल, 2016
चैत्र विजयादशमी संवत-2073