कोई ग़लतफहमी जब
नहीं रहा करती है
अपने ही बारे में
तब कैसा लगता है
जान गया!
दे देना मृत्यु-रूप दण्ड सभी
मित्र मुझे
देना तुम नहीं-
दया!
सम्भवतः खो जाऊँ
जीवन से दूर कहीं
काल की गुहाओं में
संभवतः सिर्फ निखर जाऊँ मैं
हो करके और नया!
कोई ग़लतफहमी जब
नहीं रहा करती है
अपने ही बारे में
तब कैसा लगता है
जान गया!
दे देना मृत्यु-रूप दण्ड सभी
मित्र मुझे
देना तुम नहीं-
दया!
सम्भवतः खो जाऊँ
जीवन से दूर कहीं
काल की गुहाओं में
संभवतः सिर्फ निखर जाऊँ मैं
हो करके और नया!