मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
विरह के मातलि फल्लाँ छिनरो
निपय रे अंगना-अंगनी
माझे अंगना मे पलंगा ओछओलनि
सूतल रे उढ़रा-उढ़री
हमरा तऽ माँग लागल घोटना-घोटनी
हम तऽ दारू पीयब चिखना चिखनी
आइ तऽ कहइ छी भैया उढ़रा-उढ़री
प्रात देखब भगिना-भगिनी
विरह के मातलि फल्लाँ छिनरो
निपय रे अंगना-अंगनी
माझे अंगना मे पलंगा ओछओलनि
सूतल रे उढ़रा-उढ़री
हमरा तऽ माँग लागल घोटना-घोटनी
हम तऽ दारू पीयब चिखना चिखनी
आइ तऽ कहइ छी भैया उढ़रा-उढ़री
प्रात देखब भगिना-भगिनी