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विवाह खण्ड (बंगाल राग) / बिहुला कथा / अंगिका लोकगाथा

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होरे जानल पठवोदे चान्दो ब्राह्मनेर बारी रे।
होरे तोहरे बेदे बिहाइयों बाला लखन्दर रे॥
होरे जानल पठउले चांदो भला आर बाड़ी रे।
होरे तोमार मउरे बिहाइबो वाला लखीन्दर रे॥
होरे जालनी पठाउले चांदो सिगरी यार बाड़ी रे।
होरे तोमार सिन्दूर बिहाबो बाला लखीन्दर रे॥
होरे जानली पठउले चांदो गोढ़िया बाड़ी रे।
होरे तोमार फूले बिहबो बाला लखीन्दर रे॥
होरे जानली पठउले चांदो कहारे बाड़ी रे।
होरे तोमार काँधे बिहाइबो बाला लखीन्दर रे॥
होरे जानली पठाउले चांदो डोलीबार बाड़ी रे।
होरे तोमार ढौले बिहाइबो बाला लखीन्दर रे॥
होरे जालनी पठाउले चान्दो मसालवीर बाड़ी रे।
होरे तोमार मसाले बिहाइब बाला लखीन्दर रे॥
होरे जालनी पठउले चान्दो जतियार बाड़ी रे।
होरे तोमार पंच बिहाबो बाला लखीन्दर रे॥