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विवाह गीत / 6 / भील

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भील लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मांदलया मांदलि वजाड़ रे, घड़िक नाचि भालां रे।
तारा हात मा चालो रे, मारा पाय मा चालो रे।
मांदलया मांदलि वजाड़ रे, घड़िक नाचि भालां रे।
तल्या तलि रे वजाड़ रे, घड़िक नाचि भालां रे।
तारा हात मा चालो रे, मारा पाय मा चालो रे।
दुल्ग्या ढुलगि वजाड़ रे, घड़िक नाचि भालां रे।
तारा हात मा चालो रे, मारा पाय मा चालो रे।
कुंड्या कूंडि रे वजाड़ रे, घड़िक नाचि भालां रे।
तारा हात मा चालो रे, मारा पाय मा चालो रे।
फेफर्या फफर्यो वजाड़ रे घड़िक नाचि भालां रे।
तारा हात मा चालो रे, मारा पाय मा चालो रे।

-विवाह के अवसर पर स्त्रियाँ नृत्य करती हुई गीत गाती हैं-

हे मांदल वादक! हे थाली वादक! हे ढोलक वाले! नगड़िया वाले, शहनाई वाले भाई! तुम सुर-ताल में बजाओ, हम थोड़ी देर नाच लें। तुम्हारे वाद्यों में सुर-ताल है और हमारे पाँव भी नृत्य करने के लिए थिरक रहे हैं॥