Last modified on 29 अक्टूबर 2013, at 15:06

विवाह - गीत - बाबा जे बेटी बुलावें / अवधी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बाबा जे बेटी बुलावें जांघ बैठावे
बेटी कौन कौन सुख पायु महसे कहो अर्थाये
 सोने के कटोरवा बाबा हमरा भोजँव दुधवा हमरा अस्नान
सोने की पलंगिया बाबा हमरी सेजरिया भुईया मै लोटहूँ अकेल
उसर जोत बेटी काकर बोयों न जान्यो तित की मीठ
नगर पैईठ बेटी तोरा बार दूँढयों नहि जान्यो करमा तोहर