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दहक रहा था मगर बेज़बान मुझ-सा था / निश्तर ख़ानक़ाही

3 जुलाई 2013

  • Sharda suman

    '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निश्तर ख़ानक़ाही }} {{KKCatGhazal}} <poem> दहक र...' के साथ नया पन्ना बनाया

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