Dkspoet
मेरा गांव कहां गया / ओम पुरोहित कागद का नाम बदलकर मेरा गांव कहां गया / ओम पुरोहित ‘कागद’ कर दिया गया
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Neeraj Daiya
नया पृष्ठ: <poem>यह जो तुम झुंड के झुंड चल रहे हो जैसे किसी युद्ध से जूझ कर लौट रह…
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