• गृह
  • बेतरतीब
  • ध्यानसूची
  • सेटिंग्स
  • लॉग इन करें
  • कविता कोश के बारे में
  • अस्वीकरण

पृष्ठ इतिहास

राख-१ / ओम पुरोहित ‘कागद’

18 जुलाई 2010

  • Neeraj Daiya

    नया पृष्ठ: <poem>यह कोमल-कोमल ठंडी-ठंडी राख भी कभी आग थी वक्त रहते समझ जाओ ! राख से…

    04:13

    +486

  • Kavita Kosh

    • मोबाइल‌
    • डेस्कटॉप
  • गोपनीयता