Sandeep Sethi
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कहाँ जाते हो / नया ज़माना का नाम बदलकर रुक जा ओ जाने वाली रुक जा / शैलेन्द्र कर दिया गया है
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अनिल जनविजय
New page: कहाँ जाते हो, टूटा दिल, हमारा देखते जाओ किए जाते हो हमको बेसहारा देखते ...
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