भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आँच / अरुण चन्द्र रॉय

No change in size, 06:31, 23 दिसम्बर 2010
अपना धैर्य
'''2.'''
जब तक
चूल्हे में रहती है
जिसने
अपनी नरमाहट से
दिया ए़क एक नया जीवन
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,865
edits