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Kavita Kosh से
लेकिन आदमी इतना ऊँचा उड़ा
कि गोरेय्या खो गई!
पहले एक पहाड़ होता था
एक आदमी होता था
लेकिन आदमी ऐसे तन कर खड़ा
कि पहाड़ ढह गया!
पहले एक नदी होती थी एक आदमी होता था लेकिन आदमी ऐसे वेग से बहा
कि नदी सो गई!
पहले एक पेड़ होता था
एक आदमी होता था
लेकिन आदमी ऐसे ज़ोर से झूमा कि पेड़ सूख गया!
पहले एक पृथ्वी होती थी