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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=कुमार अनिल|संग्रह=और कब तक चुप रहें / कुमार अनिल}}{{KKCatGhazal}}<poem>महफ़िल में तन्हा रहता हूँ
देखो मै क्या क्या सहता हूँ