भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: <poem>और कुछ देर हँस हँसा लें चलो दर्द को दिल में ही छुपा लें चलो चाँद…
<poem>और कुछ देर हँस हँसा लें चलो
दर्द को दिल में ही छुपा लें चलो

चाँदनी में जरा नहा लें चलो
उनको यादो में फिर बुला लें चलो

फिर बुला कर उन्हें बहाने से
हालते दिल जरा सुना लें चलो

दोस्तों नफरतों के नाम कोई
ख़त मुहब्बत का लिख लिखा लें चलो

फिर उन्हें सामने बिठा के 'अनिल'
प्यार की एक ग़ज़ल सुना लें चलो</poem>
162
edits